मास्क वाले चेहरे
मास्क वाले चेहरे
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मास्क वाले चेहरे पहचाने नहीं जाते।
परिवार के लोग भी बेगाने हो जाते।।
बिना मास्क हर जगह प्रवेश निषेध है।
मास्क लगाने में कोई नहीं मत भेद है।।
अब तो मास्क हर रंग और डिजाइन में आते।
साड़ी और सूट के डिजाइनर मास्क मिल जाते ।
पहले तो मास्क अस्पतालों में नर्स और डाक्टर पहनते थे।
और गांवों में गाय,भैंस,बकरी के बच्चे पहनते थे।।
अब हर आदमी को मास्क पहनना जरूरी है।
साथ में दो गज की दूरी भी रखना मजबूरी है।
चरण धरत चिन्ता करत चितवत चारिव ओर।
बिना मास्क ऐसे डरैं जैसे पुलिस से चोर।
अब रहीम मुस्किल बड़ी गाढ़े दोऊ काम।
मास्क लगा बाहर निकलौ तौ कोऊ ना करै सलाम।
मास्क लगाए जात हौ निबल जानि कै मोहि।
बिना मास्क जब जाओगे सबल बदौं गो तोहि।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
ऋषभ दिव्येन्द्र
24-Apr-2023 10:37 PM
बेहतरीन
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